दोसतों के बीच भी क्यूँ खोया खोया सा रहता हूँ,
अपनों के बीच भी क्यूँ तन्हाई महसूस करता हूँ,
यह कैसा असर है आपकी जुदाई का,
कि दुनिया जीतने पर भी हार महसूस करता हूँ |
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November 17, 2009 by abhisheksaha
दोसतों के बीच भी क्यूँ खोया खोया सा रहता हूँ,
अपनों के बीच भी क्यूँ तन्हाई महसूस करता हूँ,
यह कैसा असर है आपकी जुदाई का,
कि दुनिया जीतने पर भी हार महसूस करता हूँ |
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